स्पेक्ट्रम क्या है 5G में कौनसा स्पेक्ट्रम यूज़ होता है

स्पेक्ट्रम के बारे में आपने सुना होगा कि गवर्मेंट ने स्पेक्ट्रम की नीलामी सुरु कर दी और टेलीकॉम कंपनियों इसके लिये बोली लगाती है। पर क्या आपके मन में कभी ये सवाल आया कि स्पेक्ट्रम क्या है ओर यह क्या काम आता है कंपनियों के ओर हमारे। इस आर्टिकल में आपको इसी के बारे में बताया जाएगा कि आखिर ये स्पेक्ट्रम होता क्या है। 

स्पेक्ट्रम कैसे काम करता है, ओर कितने प्रकार के स्पेक्ट्रम उपलब्ध है। इनसब की जानकारी आपको इस आर्टिकल में दी जाएगी, भारत में 5G का ट्रायल सुरु हो गया है। और कंपनियों में स्पेक्ट्रम की होड़ मची हुई है कि सबसे ज्यादा को कंपनी के पास जाएगा, वैसे आपकी जानकारी के लिये बताये की रिलायंस जियो का सबसे ज्यादा शेयर है। और उसने 70% स्पेक्ट्रम खरीद लिया है। स्पेक्ट्रम के बारे में जानते है कि यह है क्या ओर कैसे काम करता है।

स्पेक्ट्रम क्या है

स्पेक्ट्रम क्या है

स्पेक्ट्रम का शाब्दिक अर्थ वर्णक्रम, वर्णक्रम का मतलब जैसे इंद्रधनुष के रंगों का एक क्रम होता है, जैसे कि जो पट्टी लाल है वो अंत तक लाल ही रहेगी, ओर जो नीली है वो अंत तक नीली ही रहेगी, उस अवस्था को वर्णक्रम कहा जाता है।

आपने 2 लेन 4 लेन या 6 लेन रोड के बारे जानते है होंगे तोह जैसे अलग अलग लेन के रोड पर वाहन अपनी लेन में चलते है, ठीक उसी प्रकार रेडियो, टेलीविजन, मोबाइल, इंटरनेट आदि सभी एक आवर्ती (फ्रीक्वेंसी) का इस्तेमाल करते है। 

जैसे रेडियो में AM ओर FM दो अलग अलग मोड दिए होते है, AM की फ्रीक्वेंसी 535 से 1700 kHz ओर FM की फ्रीक्वेंसी 88.1 से 108.1 MHz के बीच रहती है, मतलब की इनकी एक निर्धारित फ्रीक्वेंसी होती है ठीक वैसे ही टेलीकॉम कंपनियों को स्पेक्ट्रम खरीदना होता है. 

ओर हवा में उतनी फ्रीक्वेंसी टेलीकॉम द्वारा यूज़ करने पर सरकार उनसे पैसे चार्ज करती है। यह स्पेक्ट्रम करोड़ो रुपयों में बेच जाता है. स्पेक्ट्रम ऑक्शन यदि नही किया जाए तब उस परिस्थितियों में बहुत सी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। 

स्पेक्ट्रम का मतलब ये हुआ कि हवा में एक फिक्स रेंज की फ्रीक्वेंसी यूज़ करना किसी भी कंपनी का स्पेक्ट्रम होता है। और उस कंपनी द्वारा उससे अधिक स्पेक्ट्रम उसे करने पर जुर्माना लगाया जाता है, या उसे टेलिकॉम की सदस्यता से बाहर कर दिया जाता है।

इसी लिये आपने देखा होगा कि रेडियो, tv रिमोट, मोबाइल फ़ोन या ओर भी कोई डिवाइस हो ये सब अलग अलग फ्रीक्वेंसी पर काम करते है। ताकि इनमे कम्युनिकेशन आसानी से बना रहे।

स्पेक्ट्रम के प्रकार

स्पेक्ट्रम तीन प्रकार का होता है, रेखीय, पट्टीदार, सतत इन तीनो को अपने आने कार्य कर ओर भौतिक क्षमता के आधार पर विभाजित किया गया है। स्पेक्ट्रम मे विधुत चुम्बकीय तरंगों का भी उपयोग किया जाता है। जिसे इलेक्ट्रो मैग्नेटिक फील्ड इफ़ेक्ट कहते है इसमे अलग अलग आवर्ती की तरंगों को यूज़ किया जाता है। 

टेलिकॉम कंपनियो द्धारा इंटरनेट के लिये अलग अलग स्पेक्ट्रम यूज़ किया जाता है। क्योकि जैसे आपको पता है, 

GPRS से लेकर 5G तक इंटरनेट की अलग अलग जनरेशन देखने को मिली है। और उनमें अपनी अपनी विशेषता रही है जैसे। 2g में फ़ोन के साथ मैसेज भी भेजा जा कसता था क्योकि 2g एक अच्छे बैंड का यूज़ करता था। जबकि gprs में वो नही था। फिर 3G आने से फोने, मैसेज, के साथ फ़ास्ट इंटरनेट भी देखने को मिला, 4g में फ़ोन ओर इंटरनेट दोनो साथ यूज़ करने का ऑप्शन मिला। 

अब आप सोचेंगे कि 5g में क्या नया है, देखिए 5g में कुछ भी नया नही है वही 4g की तरह है रहेगा पर इसमे इंटरनेट के लिये जो बैंड यूज़ किया जाएगा वह काफी तेज बैंड है। उसमें 4g के मुकाबले सो गुना तेज़ी से इंटनेट चलेगा। 

5G का स्पेक्ट्रम

वैसे तो रियल 5G स्पीड के लिये मिलीमीटर वेव्स का यूज़ किया जाएगा पर जो अभी के टाइम उपलब्ध ऑप्शन है 5g के लिये उसमे 3.3GHz से 3.8GHz तक का बैंड या फ्रीक्वेंसी यूज़ की जाएगी और बाकी बैंड जैसे  1500MHz से 1800MHz ओर 2.1GHz, 2.3GHz, 2.6GHz तक के बैंड्स 5G के लिये यूज़ किये जाते है। 

5g के लिये को बंद उसे किया जाएगा उसमे आपको 4g में भी काफी तेज स्पीड देखने को मिलेगी क्योकि 4G की असली स्पीड वैसे तो 100एमबीपीएस है पर आपको यह देखने को नही मिलती है क्योकि या तो बैंड्स की कमी है। या फिर मोबाइल फ़ोन निर्माता कंपनियों के द्वारा मोबाइल में 4G+ या एडवांस इंटरनेट वाले ऑप्शन को सॉफ्टवेयर की मदत से डिसएबल कर दिया जाता है। 

यदि आपको अपने मोबाइल फ़ोन में 4G+ अन लॉक करना है तो आप हमने बताये नीचे कमेंट करके जिसे हम पता चले कि आप भी अपने मोबाइल में इंटरनेट स्पीड बढ़ाना चाहते है और हम आपके के लिये इससे संबंधित पूरी एक गाइड लेकर आये की कैसे आप आने घर पर ही 4G+ यूज़ कर सकते है और हाई स्पीड इंटरनेट का यूज़ कर पाए।

आपने स्पेक्ट्रम से सम्बंधित जानकारी इस आर्टिकल में पढ़ी ओर यह भी जाना कि स्पेक्ट्रम कितने प्रकार का होता है और 5G के लिये कोनसे बैंड्स वाला स्पेक्ट्रम यूज़ किया जाता है। यदि यह आर्टिकल आपको सहायक लगा तब इसे आप ओर लोगो को शेयर करे। 

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